ये मुहोब्बत, रिश्ते, सब धुंआ से है- Ambika Rahee shayari - अम्बिका राही शायरी

ये मुहोब्बत, रिश्ते, सब धुंआ से है,
जबतक रिश्ते, दिल से नहीं, जुबां से है,
पढ़ना है, तो पढ़ना, बहुत फ़ुरसत में,
हर शब्द इसके, बिन आवाज़ के है।

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