जान बनकर सांसो पर कब्ज़ा कर गए - jaan banakar saanso par kabza kar chale gae - अम्बिका "राही" - Ambika "Rahee"
जान बनकर सांसो पर कब्ज़ा कर गए,
दूर हुए ऐसे मुझको तन्हा कर गए,
तू खुश रहे मैं यही चाहता था,
ख़ुदा थे मेरे, एक पल में बेवफ़ा कर गए.
हंस कर तेरे यादों के सैलाब से लड़ गए,
डूब कर ही हम एक लम्हा पार कर गए,
जब भी लगा फ़सा हूँ गहरे दलदल में ,
आंख मुदी, सामने आये मुस्कान कर गए,
जिस मुस्कान पे मरता था ये "राही" कभी,
उसी मुस्कान ने चेहरे पे झूठी मुस्कान दे गए,
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