हक़ीक़त जिंदगी की समझने लगा हूँ on July 25, 2019 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps हक़ीक़त जिंदगी की समझने लगा हूँ, ख़ुद की मस्ती में अब रहने लगा हूँ, यहाँ कोई अपना न कोई पराया है, इसी सच्चाई से जीवन जीने लगा हूँ। राही!!! Comments
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