अम्बिका राही शायरी on October 26, 2018 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps एक तू ही मेरे लिए खाश क्यूं है, मुझे तेरे चेहरे की ही आस क्यूं है, दीवाना हुँ तेरा थोड़ा पागल भी, सिर्फ तू ही मेरी रश्के कमर क्यूं है। अम्बिका राही www.ambikaraheeshayari.blogspot.in Comments
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