Ambika rahee shayari

अब उनके किसी भी  रंगों पर मुझे विश्वास नहीं होता

दिया धोखा आंखों ने  पहले ही पहचान लिया होता

वो बहुत  झूठ बोलते हैं उनका हर रंग फीका है

काश देखकर मुस्कान ही उनकी मैं पहचान गया होता

अम्बिका राही

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