अब उनके किसी भी रंगों पर मुझे विश्वास नहीं होता
दिया धोखा आंखों ने पहले ही पहचान लिया होता
वो बहुत झूठ बोलते हैं उनका हर रंग फीका है
काश देखकर मुस्कान ही उनकी मैं पहचान गया होता
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
अब उनके किसी भी रंगों पर मुझे विश्वास नहीं होता
दिया धोखा आंखों ने पहले ही पहचान लिया होता
वो बहुत झूठ बोलते हैं उनका हर रंग फीका है
काश देखकर मुस्कान ही उनकी मैं पहचान गया होता
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
Comments
Post a Comment