अंबिका राही शायरी on September 10, 2017 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps ठंडी हवाओं ने फिर से रफ्तार बढ़ा दी है, सुबह होने का एहसास देकर मुझे जगा दी है, जरूरत ही नहीं मुझे अब किसी के प्यार की किसी बेवफा ने मुझको अकेले जीना सिखा दी है अंबिका राही www.ambikaraheeshayari.blogspot.in Comments
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