किसी बेवफा के दिये जख्मों पर मरहम कौन लगाए,
किसी को फुरसत ही नही कौन सबको हँसाये,
यहां महीनों बीत जाते है मुस्कराए हुए,
कोई ऐसा भी नही है जिससे हँसकर अपना दर्द छुपाये।
राही
www.ambikaraheeshayari.bkogspot.in
किसी बेवफा के दिये जख्मों पर मरहम कौन लगाए,
किसी को फुरसत ही नही कौन सबको हँसाये,
यहां महीनों बीत जाते है मुस्कराए हुए,
कोई ऐसा भी नही है जिससे हँसकर अपना दर्द छुपाये।
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