अम्बिका राही

बे वक्त पास आकर मुझको रुलाते क्यूँ हो

जब रिश्ता नही कुछ तो याद आते क्यूं हो

भुला रहे हो मुझको तो भूल जाओ

मेरे ख्वाबों में आकर रात भर मुझको जगाते क्यूँ हो

अम्बिका राही

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