अम्बिका राही शायरी

मेरी हर नादानी माफ कर देते

मेरे आंसू देख खुद भी रो देते

गले लगाकर मुझे सहारा देते

जब वो मुझे दिमाग से नही दिल से प्यार देते

राही

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