अम्बिका राही शायरी on June 09, 2017 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps ग़लतफ़हमी में अपनों को बदलते देखा है छोटी सी बातों पर लड़ते झगड़ते देखा है आंसू नहीं देखे हमने जिनकी आँखों में कभी उन आँखों को अकेले में बरसात करते देखा है अम्बिका राही www.ambikaraheeshayari.blogspot.in Comments
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