ऐ मेरी जिंदगी तुझसे कितनी वफ़ा करूँगा
पल पल मर रहा हूँ यादों में कितने दिन जियूँगा
ख़ुशी ख़ुशी मर जाऊंगा यदि बाँहें तुम्हारी हो
मर कर भी मेरी जिंदगी तुम्हारी हिफाज़त करूँगा
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
ऐ मेरी जिंदगी तुझसे कितनी वफ़ा करूँगा
पल पल मर रहा हूँ यादों में कितने दिन जियूँगा
ख़ुशी ख़ुशी मर जाऊंगा यदि बाँहें तुम्हारी हो
मर कर भी मेरी जिंदगी तुम्हारी हिफाज़त करूँगा
अम्बिका राही
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