Ambika rahee shayari

कसूर सिर्फ इतना था हम जीते रहे मुस्कुराकर

रुला नहीं पाए मुझको वो दूर हो गए हार कर

वो नादान थे मेरे दिल में झांक न सके


हम कितना रोये है उनसे दिल लगाकर

अम्बिका राही

www.ambikaraheeshayari.blogspot.in

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