दिन में ही तारे नजर आते है अब
उनके लिए ही हर गीत गुनगुनाते है हम
पहले शौक नहीं था मुझको शायरी और कविता का
एक तेरे लिए ही शायरी करते है हम
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
दिन में ही तारे नजर आते है अब
उनके लिए ही हर गीत गुनगुनाते है हम
पहले शौक नहीं था मुझको शायरी और कविता का
एक तेरे लिए ही शायरी करते है हम
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