अम्बिका राही शायरी

एक झलक की खातिर दिन भर तरसते रहे

उनकी यादों में हम पल पल तड़पते रहे

एक वादा माँगा था तुमसे हर रोज दर्शन पाने का

मगर नजर नहीं आये तुम  गलियों में तुम्हारे दिन भर भटकते रहे

अम्बिका राही

Comments