अम्बिका राही शायरी on March 20, 2017 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps एक झलक की खातिर दिन भर तरसते रहे उनकी यादों में हम पल पल तड़पते रहे एक वादा माँगा था तुमसे हर रोज दर्शन पाने का मगर नजर नहीं आये तुम गलियों में तुम्हारे दिन भर भटकते रहे अम्बिका राही Comments
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