अम्बिका राही शायरी

अजनबी बन कर रहते तो अच्छा होता

न उनसे प्यार होता न इतना दर्द होता

अकेले ही खोज लेते मंजिल अपनी

राही के आँखों से ऐसे न बरसात होता

अम्बिका राही

www.ambikaraheeshayari.blogspot.in

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