अम्बिका राही शायरी

जिसका नाम मेरे होंठो पर हर वक्त रहता है

दूर होकर भी नज़रों में तस्वीर बना रहता है

जिसे चाहता हूँ मैं खुद से भी ज्यादा

क्या वह भी कभी मुझको दिल से याद करता है

अम्बिका राही

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