हम भी तो उस चाँद को देखे जा रहे है
दिखेगा उसका चेहरा सोचे जा रहे है
मगर इतनी रात को भी नजर नहीं आ रहा
आँखों से अब मोती निकलते जा रहे है
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
हम भी तो उस चाँद को देखे जा रहे है
दिखेगा उसका चेहरा सोचे जा रहे है
मगर इतनी रात को भी नजर नहीं आ रहा
आँखों से अब मोती निकलते जा रहे है
अम्बिका राही
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