Ambika rahee shayari

चुपके चुपके तुम यूँ सताना छोड़ दो

प्यार के नाम पर मुझको रुलाना छोड़ दो

अभी तो बहुत जान बाकी है मुझमें

बार बार नहीं एक बार ही हमेशा के लिए मार दो

अम्बिका राही

Comments