Ambika rahee shayari

जो भी तुम्हारे साथ कसमे खाये थे

तुम्हारे साथ से ही हर गम भूल पाये थे

मै आज भी निभा रहा हूं वादा अपना

तुम्ही भूले गये जो मिल कर सपने सजाये थे

अम्बिका राही

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