काश कोई ऐसा होता जिस पर मैं ग़ज़ल लिखता
उसकी हर खूबसूरती को शब्दों में बयां करता
जिसकी खातिर हर इलजाम ले लेता
मौत उसे यदि छूना चाहती तो मैं अपनी जान दे देता
अम्बिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
काश कोई ऐसा होता जिस पर मैं ग़ज़ल लिखता
उसकी हर खूबसूरती को शब्दों में बयां करता
जिसकी खातिर हर इलजाम ले लेता
मौत उसे यदि छूना चाहती तो मैं अपनी जान दे देता
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