Shayari

तेरे साथ चलकर मुझे चलने का हुनर आया

जब ठोकर दिया तुमने तो संभलने का हुनर आया

बहुत कोशिश की हमने तुम्हें भुलाने की

फिर भी आज खुद को तेरी यादों के साथ पाया

अंबिका राही

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