Radha Shayari

लड़खड़ाया हूं मैं जब भी तुम्हारी यादों ने संभाला है

साथ चलते-चलते तुमको हमने जिंदगी बनाया है

हम तुमसे दूर कैसे हो ए राधा

आंखे बंद करने पर भी हमने तुमको अपने सामने पाया है

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अंबिका राही

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