अंबिका राही शायरी

मुझको सताने के बहाने बहुत आते हैं

रूठ जाऊं मगर मनाने बहुत आते हैं

उनसे दूर जाकर भी देखा हमने एक बार

भुलाने पर और भी वह बहुत याद आते

अंबिका राही

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