अंबिका राही शायरी on January 16, 2017 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps कर रहा हूं कोशिश आज भी संभल जाने की आस नहीं टूटी अब भी तुम्हें पाने की जब नहीं रिश्ता कुछ भी तुमसे हमारा तो क्या जरूरत है मुझको हर जगह सताने की अंबिका राही www.ambikaraheeshayari.blogspot.in Comments
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