दिन में भी तुम्हारा चेहरा सामने आता है
आंखें बंद करने पर और भी साफ नजर आता है
फूल खिल उठे हैं अरमानों के तुंहें पाकर
तुम्हारे प्यार की खुशबू हवा के साथ आता है
अंबिका राही
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
दिन में भी तुम्हारा चेहरा सामने आता है
आंखें बंद करने पर और भी साफ नजर आता है
फूल खिल उठे हैं अरमानों के तुंहें पाकर
तुम्हारे प्यार की खुशबू हवा के साथ आता है
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