अंबिका राही शायरी

उनके सामने हर बात भूल जाता हूं

उनसे जो भी कहना है इसीलिए लिखकर आता हूं

हर रोज सोचता हूं उन्हें एक खत दे दूं

मगर हर बार उनकी आंखों में डूब जाता हूं

अंबिका राही

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