कहां बहुत तूने नहीं प्यार हूं तुम्हारी
बसा नहीं सकती अपनी आंखों में तस्वीर तुम्हारी
बहुत चाहती हो मगर बता नहीं सकती
कभी फिर से पीछा किया तो नहीं देखोगे कभी सूरत हमारी
www.ambikaraheeshayari.blogspot.in
Ambika rahee
कहां बहुत तूने नहीं प्यार हूं तुम्हारी
बसा नहीं सकती अपनी आंखों में तस्वीर तुम्हारी
बहुत चाहती हो मगर बता नहीं सकती
कभी फिर से पीछा किया तो नहीं देखोगे कभी सूरत हमारी
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