Ambika rahee shayari

कहां बहुत तूने नहीं प्यार हूं तुम्हारी

बसा नहीं सकती अपनी आंखों में तस्वीर तुम्हारी

बहुत चाहती हो मगर बता नहीं सकती

कभी फिर से पीछा किया तो नहीं देखोगे कभी सूरत हमारी

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Ambika rahee

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