Shayari

हमारी यादें जहां तक जा पाते हैं

हर गली हर मोड़ पर हम तुम्हें पाते हैं

तुमसे दूर होकर हम जब भी कहीं जाते हैं

तुम्हे देखे बिना हम कही सुकून नहीं पाते हैं

अंबिका राही

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