Shayari

हमारे सपने सब बिखर कर रह गए

जिंदगी के कुछ चंद लम्हे आज भी ताजा रह गए

किसी और के साथ देखा  उनको आज हमने चौराहे पर

कुछ बोल नहीं पाए उनसे मेरी पहचान जैसे छीन गए

अंबिका राही

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